अर्जुन को तलाश है अपने अगले उपन्यास के लिए एक कहानी की, और इसी तलाश का सफ़र है ये कहानी। इस सफ़र में है रजत, प्रिया और दिशा के प्यार की कहानी, रजत जो प्रिया से बचपन से प्यार करता है, मगर प्रिया की शादी हो चुकी है। प्रिया की शादी के बाद रजत का क्या होता है? क्या रजत को उसकी ज़िन्दगी में आने वाली दिशा से प्यार हो। जाता है या दिशा, रजत और प्रिया को फिर से मिलाने में उसकी मदद करती है? इस कहानी में प्यार भी है और दर्द भी, दोस्ती भी है और शायरी भी, ये कहानी आपको हँसाती है और रुलाती भी है। मगर अर्जुन? क्या अर्जुन की तलाश पूरी होती है या अधूरी ही रह जाती है? क्या अर्जुन जो ढूँढ रहा है, वो कहानी उसे मिल पाती है? या वो कहानी खुद अर्जुन को ढूँढ लेती है?
Vo Bhi Tujhko Dhoondh Raha Hai... Jiski Tujhe Talaash Hai
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