सदा प्रसन्न व्यास के "उन्मुक्त गगन का पंछी" काव्य संग्रह में, पक्षी विपरीत परिस्थितियों में भी अपना मार्ग स्वयं खोज कर साहसिक उड़ान भरता चला जा रहा है। प्रस्तुत काव्य-संग्रह बेहद प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। कलम की धार इतनी परिपक्व और पैनी है कि समाज, आध्यात्म और हृदय में उठने वाले समस्त प्रश्नों का उत्तर सहजता से ही प्राप्त हो जाता है। काव्य पुस्तक की निर्विघ्न सफलता के लिये भगवान चन्द्रमौलीश्वर से विनय पूर्वक प्रार्थना है। - पंडित सुरेश चंद्र गोस्वामी जी (सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक, छत्तीसगढ़ शासन)
Unmukt Gagan Ka Panchhi
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