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अपनी इस रचना के माध्यम से, मैंने शांता को उचित स्थान देने की चेष्टा की है। वह एक सहनशील, सुंदर और आदरणीया नारी थी। इस पुस्तक को लिखने मे मुझे दस महीने लगे और इस लंबे समय मे मैंने, शांता के चारित्र को सिर्फ लिखा है, बल्कि उसे जानने और पढ़ने की कोशिश भी की है। आशा है कि आप भी इस सम्मानित नारी का परिचय पाने के लिए, थोड़ा समय देकर, इस पुस्तक को पढ़ेंगे।

 

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शिलोंग (मेघालय) में रह रहीं, भागलपुर (बिहार) की युवा हिंदी/अंग्रेजी लेखिका संस्कृति सिंह “शिलोंग टाइम्स” और “मेघालय टाइम्स” की नियमित लेख, निबंध और पुस्तक समीक्षा लिखने वाली लेखिका है | इनके लिखे लेखो को कई पौराणिक कथा लेखकों द्वारा सराहा गया हैं | इस पुस्तक से पहले इनके दवारा लिखी गयी इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण  “Ram’s Sister: True Scion of Raghu” और “The Flawed Good Man” नामक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। संस्कृति,  स्मृतियों, श्रुतियों, इतिहास  और शास्त्रों की कहानियों में काफी दिलचस्पी रखती है । इसके अलावा, उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर की निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में पुरस्कार हासिल की है|  आप उनके कुछ लेखों को Google पर "क्षत्रिय राजकुमारी", “मिथक नहीं इतिहास ", "रीडिंग द डिक्टेटर्स माइंड", "लर्निंग टू लिव लाइक ए चाइल्ड", "वॉकिंग द अनट्रोडेन रोड" और "नीड टू लिव लाइक अ चाइल्ड " जैसे शीर्षकों के साथ पढ़  सकते हैं।  स्थानीय दैनिक में उनकी पुस्तक समीक्षा "वीमेन इन डेजर्ट किंगडम", "न्यू एज रामायण", "कैद में  राजकुमारी", "उर्मिला की बहन", "स्ट्रगल ऑफ कुर्द", "150 कारणों से गोडसे ने महात्मा की हत्या की", "चाणक्य नीति ”और  “भारत का रहस्य“ प्रकाशित हो चुकी है। इन सभी पुस्तकों की  समीक्षा और लेख, इनकी वेबसाइट http://writersanskritisingh.com के,  डाउनलोड अनुभाग के तहत डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध हैं। संस्कृति, इन विषयों में गहरी दिलचस्पी रखती है, जिन्हें न केवल आध्यात्मिकता के माध्यम से समझा  जा सकता है, बल्कि तर्क और विज्ञान के माध्यम से भी समझा जा सकता  है | आप उसके साथ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसे इंस्टाग्राम (@im_sanskritisingh) के माध्यम से या ट्विटर (@ Sanskriti2390) के माध्यम से भी  जुड़ सकते हैं या उसके पेज पर जा सकते हैं और उसी नाम से (यानी संस्कृति सिंह) के प्रोफाइल पर जा सकते हैं | संस्कृति सिंह के समस्त  प्रकाशित लेख और  किताबे  बारे में जानने के लिए, उनके website http://writersanskritisingh.com पर जा सकते है | वर्तमान में, संस्कृति, पुरातत्व विभाग के पुरातत्व बिषय में , महाराजा सयाजी राव विश्वविद्यालय, गुजरात में बैचलर ऑफ आर्ट्स (द्वितीय सेमेस्टर) की छात्रा है ।

Shanta - Raghukul Ki Vanshaj

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