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राजमंगल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कल्पना कुलश्रेष्ठ की पुस्तक 'समय के उस पार' को ऐसी टाइम मशीन के रूप में देखा जा सकता है जो पाठक को वर्तमान की जानी-पहचानी वास्तविकता से परे भविष्य की रहस्यमयी, रोमांचक और अलौकिक दुनिया में ले जाती हैं। ये अलग ढंग की बेहद सशक्त व संवेदनशील कहानियाँ आने वाले समय की सच्चाई का चित्रण करती हैं। रोचक व प्रवाहमयी कथावस्तु पाठक को आनंद की अनुभूति से भर देती है। मन को छूने वाली इन कहानियों को एक बार शुरू करने पर आप इसे पढ़ने को उत्सुक हो उठेंगे। ये हमारे वैश्विक और सामाजिक परिवेश से जुड़ी ऐसी विज्ञान कथाएँ हैं जिन्हें आम पाठक आसानी से समझ लेता है, उसके लिए विज्ञान की पृष्ठभूमि होना आवश्यक नहीं। विज्ञान कथा भी साहित्य की ही एक विधा है। इसमें वे सारी विशेषताएँ होती हैं जो एक अच्छी कहानी में होनी चाहिए।

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कल्पना कुलश्रेष्ठ, हिन्दी भाषा में प्रथम महिला विज्ञान कथा लेखिका। 11 मई 1966 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में जन्म। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विज्ञान कथाएँ व आलेख प्रकाशित। विज्ञान कथा संग्रह 'उस सदी की बात' किताबघर प्रकाशन से, 'पेड़ चोरों का रहस्य ' नैशनल बुक ट्रस्ट द्वारा, वाई टू के 2021 किंडल पर तथा मराठी पुस्तक 'ई.स. 2595 ' पुणे के मेहता प्रकाशन द्वारा  प्रकाशित। सस्ता साहित्य मंडल द्वारा 'भविष्य की सैर ' कथा संग्रह का शीघ्र प्रकाशन। शोध आलेख 'बाल विज्ञान कथा के आवश्यक तत्व' भारत के प्रतिष्ठित साइंटिफिक टैम्पर जर्नल में 2020 में प्रकाशित। कई बाल विज्ञान कथाएँ पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित। अनेक विज्ञान कथाएँ बांग्ला , गुजराती, उर्दू  व मराठी में अनूदित व पुरस्कृत। बिहार बाल भवन किलकारी के बच्चों को कोविड 19 के दौरान विज्ञान कथा लेखन का ऑनलाइन प्रशिक्षण। विज्ञान कथाश्री, सी.वी.रमन तकनीकी लेखन सम्मान व उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन सम्मान से सम्मानित, कोविड जागरूकता हेतु कंटेंट राइटिंग के लिए NCSTC द्वारा प्रशस्ति पत्र। इंटरनेट पत्रिका 'विज्ञान कथा' का जनवरी-मार्च 2017 अंक कल्पना कुलश्रेष्ठ पर केन्द्रित विशेषांक के रूप में प्रकाशित।  वर्तमान में अध्यापन व लेखन।

Samay Ke Us Paar

SKU: RM45896
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