लेखक राजेश गुप्ता, Chartered Accountant हैं और वर्तमान मे दिल्ली की एक संस्था मे Chief Financial Officer के पद पर कार्यरत हैं. कॉलेज के दिनो से ही कविता लिख रहे हैं.
इस किताब में भी कवि ने प्यार/इश्क़, जुदायी, बेवफाई, इज़हार, नफ़रत, अकेलापन, रिश्ते, मिलन, उम्मीद और नाउम्मीद हर रंग को कविता के माध्यम से कहने की कोशिश की है कवि जहां दवातो में लहु जोड़ता है , लिखने के लिए दर्द को जीता है वहीं “टिंडर” और “गर्ल पार्टी” जैसी रचनायें चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं। “सिक्के” एक एसी रचना है जो आज के समय में पैसो के पीछे कि भागदौड़ और इसकी सही जरूरत को बयान करती है. हर कोई जिसने ज़िंदगी में कभी प्यार किया है वो इस पुस्तक जो अवश्य पड़े। जिसने प्यार नहीं किया वो भी इसे पढ़ें ये जानने के लिये की वो क्या-क्या खोने और पाने सें वंचित रह गया।
Love, Hate, Breakup, Infidelity, Broken Heart, Ego, Loneliness, Fear, Non-functional marriage, Money are some the emotions the Poet has tried to capture in this book. A must read for any age group. The book has been written in simple words. The writer Rajesh Gupta is a Chartered Accountant who lives and work in Delhi. This book is the collection of his Poems and Song written over a period of 25 years.
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