बचपन भी कितना प्यारा होता है। मैं जब भी मामा के घर जाया करता था, रात को खाना खाने के बाद नाना जी के साथ एक निवाला खाने का वो स्वाद आज कहीं नही आता। जैसे-जैसे बड़े होते गए जिम्मेदारियाँ भी बढ़ने लगी। पढ़ाई करके नौकरी करने लगे। नौकरी करते-करते दोस्तों के साथ कभी कहानियाँ सुनाता तो कभी उनकी कहानियाँ सुनता। उसी बीच रमन से मुलाकात हुई। रमन ने कहानियों को लिखने को कहा मैंने कोशिश शुरू कर दी और आज कहानियों की किताब बन गई। विश्वास नही हो रहा।
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पंजाब नेशनल बैंक(PNB) में मुख्य खजांची के पद पर कार्यरत, युवा हिन्दी लेखक विशाल डोगरा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के गाँव गब्बा से ताल्लुक़ रखते हैं। विशाल जी को आम जीवन में होने वाली गतिविधियों के साथ-साथ ख़ुद के साथ रोज़मर्रा में घटित होने वाली घटनाओं को लिखने का ख़ासा शौक़ है। यार-दोस्त, परिवार से जुड़ी बातों को कहानी बना देना इन्हें सुकून देता है। प्रस्तुत कहानी संग्रह ‘पौतानी’ ऐसी ही कहानियों से मिलकर तैयार हुआ है। गाँव-देहात से लेकर शहर की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी तक का महीन चित्रण विशाल जी लिखित इस कहानी संग्रह में आपको पढ़ने मिल जायेगा।
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