top of page

यह सिर्फ उपन्यास नहीं है। अपने गाँव के लोगों की कहानियाँ, उनके कारनामें, उनके द्वारा किये गए अच्छे और बुरे काम, जो कहानी बनकर हर एक आदमी की जुबाँ से लार की तरह टपक जाती है। जिसे सुनकर लोग  मुस्कुराने पर मजबूर हो जाते हैं।

Panchayat

SKU: RM25846
₹229.00Price
  •  

bottom of page