यह सिर्फ उपन्यास नहीं है। अपने गाँव के लोगों की कहानियाँ, उनके कारनामें, उनके द्वारा किये गए अच्छे और बुरे काम, जो कहानी बनकर हर एक आदमी की जुबाँ से लार की तरह टपक जाती है। जिसे सुनकर लोग मुस्कुराने पर मजबूर हो जाते हैं।
Panchayat
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