"नीर आज बहने दो" एक अलग प्रकार की कविताओं का संग्रह है आपको इस धरती पर मौज़ूद सभी जीव और वस्तुओं के व्यवहार और विभिन्न अवस्थाओं से परिचित करायेगा।
जीवन की अनुभूतियाँ डॉ. शुभा मेहता को बचपन से ही प्रेरित करती रहीं हैं। संवेदनाओं और भावनाओं का उद्वेलन इन्हीं अनुभूतियों द्वारा अनायास होता चला गया है। जो कभी कविता के रूप में, कभी गीत के रूप में, कभी कहानियों के रूप में, कभी उपन्यास और कभी आलोचनाओं के रूप में अभिव्यक्त हुआ है। ये सब आयाम परिवेश से ही प्राप्त हुये, जो स्वान्तः सुखाय के लिये डॉयरी के पृष्ठों तक आवृत रहे। हमेशा सच्चे मित्र के रूप में माँ-पिता और साहित्यिक क़िताबों को ही प्रथम स्थान दिया।--
वरिष्ठ हिन्दी लेखिका डॉ. शुभा मेहता जबलपुर (मध्य प्रदेश) शहर से हैं. शुभा जी संस्कृत से एम.ए (M.A),पी एच.डी (Ph.D) हैं व हिन्दी साहित्य से एम.ए (M.A) भी कर चुकी हैं. गवर्नमेंट कॉलेज, दुर्ग (म.प्र,) में व्याख़्याता (lecturer) तत्पश्चात्, जबलपुर विश्वविद्यालय (Jabalpur University) में रिसर्च असिसटेंट (Research Assistant) और उसके पश्चात् केन्द्रीय विद्यालय संगठन से जुड़ी रहीं हैं.
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