यह पुस्तक सरल शब्दों में विभिन्न विषयों से संबंधित कविताओं का संग्रह है। कुछ कविताओं में एक प्रश्नवाचक गुण है जैसे कि वे जीवन के गहरे अर्थ की खोज कर रहे हों या फिर कुछ खो जाने के डर में हो । अन्य मानवीय भावनाओं जैसे युद्ध, नुकसान, अकेलापन और लालसा की श्रेणी में जाते हैं। कुछ प्रेम, क्रोध, जीवन जैसे विषयों से निपटते हैं। कविता पाठक में भावनाओं और भावनाओं की एक श्रृंखला का आह्वान करती है। कुछ कविताएँ भीतर से समाज से उत्तर चाहती हैं। कविता प्रेमी इसे पढ़कर अवश्य ही आनंदित होंगे।
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प्रीति उर्वंशी :
जन्म :- 7 अप्रैल।
शिक्षा:- इतिहास एवं समाजशास्त्र विषयों में दिल्ली, इंदिरा गांधी एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से शिक्षा। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फाइन आर्ट्स से फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा एवं डिप्लोमा इन क्रिएटिव राइटिंग। पूर्व में दिल्ली के एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय में समाजशास्त्र का अध्यापन एवं वर्तमान समय में दिल्ली विश्वविद्यालय के सोशल साइंस डिपार्टमेंट की छात्रा।
अन्य प्रकाशित पुस्तक : तुम चाहिए।
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