पृथ्वी पर हिमालय पर्वत और सागर से घिरा एक भूखंड है - जो भारतवर्ष के नाम से जाना जाता है। कई हज़ार वर्षों से भारतवर्ष पूरी पृथ्वी की सत्ता का केंद्र है। पूरे विश्व के मानव समुदाय के लिए यह भूखंड ज्ञान का भी स्त्रोत है। यह कहानी द्वापर के अंत और कलियुग के प्रारम्भ में भारतवर्ष में हुए सत्ता संघर्ष की एक अभूतपूर्व गाथा है जिसका आरम्भ कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध से होता है। युधिष्ठिर के बाद अभिमन्यु पुत्र परीक्षित भारतवर्ष के राजन बनते हैं। किन्तु कलियुग के प्रभाव में शीघ्र ही कुरु वंश समाप्त हो जाता है। उसके बाद भारतवर्ष की सत्ता के लिए संघर्ष होता है।
---
युवा हिन्दी लेखक मनु सौंखला हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक़ रखते हैं। इन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर, हिमाचल (NIT - National Institute of Technology, Hamirpur, Himachal Pradesh, India) से स्नातक (B.Tech) की शिक्षा हासिल की है। तत्पश्चात् मनु सौंखला जी सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सैक्टर) की एक ऑइल कम्पनी में कार्यरत हैं। मनु जी अपने सामाजिक लेखन और समाज में फ़ैली अव्यवस्थाओं के ख़िलाफ़ लिखने के लिए विशेष तौर पर जाने जाते हैं। प्रस्तुत पुस्तक इनकी तीसरी हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाली पुस्तक है। इससे पहले "रिज़र्व्ड वन वॉन" एवं बलिदानम् नामक दो उपन्यास लिख चुके हैं जो प्रमुख ऑनलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध है।
top of page
₹179.00Price
bottom of page