वैसे तो दुनिया में हर ओर, हर जगह कोई कुछ कह रहा है, कोई कुछ सुन रहा है। लेकिन सबसे उमदा बातचीत वो होती है जिसमें अल्फ़ाज़ो की ज़रूरत ही ना हो। जिसमे तुम वो भी सुन जाओ जो मैंने कहना चाहा पर खामोश और शांत रहकर। जिसमे शब्द का अगर कुछ मोल हो तो, निशब्द अनमोल हो जाए। जिसमे मैं, मैं न राहू तुम तुम न रहो सब एक ही ओंकार हो जाए। फिर भी रोज़ मर्रा की ज़िंदगी में, कभी हमें बहुत लम्बी बातें, क़िस्से या चर्चा करनी होती है। इन सब बातचीत के औज़ारों से अलग, शेर-शायरी सबसे कम लफ़्ज़ों में गहरी और असरदार साबित होती है। ये शायरी किताब जिसका नाम ‘नब्ज़’ है, रोज़ की बातों में से जाने-अनजाने लम्हो को शायरी की ज़बान में पेश करती है।
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वर्तमान में, अनिरुद्ध सहायक भूभौतिकीविद् (राजपत्रित अधिकारी), केंद्रीय भूमिजल बोर्ड जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार में कार्यरत हैं एवं बनारस हिन्दू विश्वविध्यालय मे पीएचडी छात्र भी हैं। अनिरुद्ध भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए रेकोमेंडेड भी हुए हैं। पूर्व मे अनिरुद्ध का चयन GSI (खान मंत्रालय) यूपीएससी में भूभौतिकीविद्, इलाहाबाद हाईकोर्ट में समीक्षा अधिकारी पद पर भी हुआ है। अनिरुद्ध दो बार IIT-GATE स्कोरर हैं। अनिरुद्ध ने M.Tech (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय), PGDDM लखनऊ से किया है और ये IIT-Roorkee से पीएचडी ड्रॉपआउट हैं। अनिरुद्ध एक उत्साही फोटोग्राफर, (Anirudh Bharat Photography), अनिरुद्ध Youtube पर (Anirudh Bharat Poetry) चैनल से स्वरचित कविताओं का मर्म भी वयक्त करते हैं। अनिरुद्ध की तीन अन्य पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी हैं।
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