कविताएँ जो इस किताब में संकलित है, वो मेरी भावनाएँ है, जो वर्षों से मेरे मन मे उठती थी और मैं उन्हें शाब्दिक रूप दे देता था। प्रकृति में घट रही घटनाएँ या उसकी ख़ूबसूरती को देखने का नज़रिया सबका अलग होता है, सबकी प्रतिक्रिया अलग होती है। मैंने इन्हें देख कर क्या महसूस किया मेरे अंतर में जो भावनाएँ जागृत हुई, हर कविता के माध्यम से मैने उसे उधृत करने का प्रयास किया है। इस किताब की अधिकांश कविता मोबाइल में लिखी गई है, जो ऑफिस जाने आने के समय का सदुपयोग था। मैं हमेशा से यह सोचता था कि क्या कभी कोई मेरी इन भावनाओं से खुद को जोड़ पाएगा, आज इसका जवाब आप सब हो। मैं अपनी भावनाओं को इस किताब के माध्यम से आपके पास छोड़े जाता हूँ, अगर आप इस से खुद को जोड़ पाते है तो किताब के प्रकाशन का उद्देश्य पूरा हो जाएगा।
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नाम: कुशवाहा कुमार नवेंदु (नवेंदु निश्चल )
उम्र : ३५ वर्ष
निवास: सहदेइ बुज़ुर्ग (वैशाली) बिहार
वर्तमान में : सन २०१३ से राष्ट्रियकृत बैंक में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में मुंबई में कार्यरत |
पूर्व कार्य अनुभव: बिहार सरकार के माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक , भारतीय खाद्य निगम में तकनिकी
सहायक |
शिक्षा: बी एस सी माइक्रोबायोलॉजी (२००७) एल एस कॉलेज मुजफ्फरपुर , एम ए (इतिहास) NOU bihar,
MBA(मानव संसाधन प्रबंधन), डिप्लोमा इन एजुकेशन (बिहार बोर्ड)
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