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'भावी समाजवादी क्रान्ति की विभूति मजदूर नहीं किसान होगा' - यह उद्घोष करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण के व्यक्तित्व में संत-तुल्य शुचितामय हृदय, बाल-सुलभ ऋजुता और सरलता थी। जयप्रकाश नारायण को कोई मतवाद, कोई सम्प्रदाय, कोई संस्था या कोई संगठन अपनी सीमाओं में नहीं बाँध सका। सर्वोदय का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका व्यक्तित्व वही तक परिमित नहीं रहा। नये विचारों को ग्रहण करने और पुराने विचारों की श्रृंखला तोड़ने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई,यह उनके व्यक्तित्व की विशिष्टता का प्रबल प्रमाण है।परम्परागत राजनीति से अलग लोकनीति के विकास हेतु बुनियादी कार्य करने वाले जयप्रकाश नारायण राजपथ के बदले जनपथ पर मुड़ गए।जयप्रकाश नारायण अपने विचारों को निरंतर परिमार्जित और परिवर्द्धित करते रहे। अतः महात्मा गाँधी की तरह जयप्रकाश नारायण के अंतिम विचार ही प्रमाण मानने होंगे।

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जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के मूल निवासी डॉ० रितेश्वर नाथ तिवारी की विद्यालयी शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर और राजकीय इंटर कॉलेज देवरिया से हुई है। आपने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध की उपाधि प्राप्त की है। स्नातकोत्तर (इतिहास) परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर आपको स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आप भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के शोध अध्येता भी रहे हैं। आपको बिहार के तत्कालिक राज्यपाल और पूर्व राष्ट्रपति द्वारा सारस्वत सम्मान से 2016 में सम्मानित किया जा चुका है। आपकी पुस्तक 'उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार' के अतिरिक्त चार ख्यातिप्राप्त विद्वानों द्वारा संपादित पुस्तक में अध्याय और पंद्रह से अधिक शोधपत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोधपत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास, विचारों का इतिहास, स्थानीय इतिहास, प्रवासन का इतिहास, जनजातीय इतिहास, हिंदी सिनेमा का इतिहास और समकालीन इतिहास में आपकी विशेष रुचि है।

 

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Jayaprakash Narayan, popularly referred to as JP or Lok Nayak, was an Indian independence activist, theorist, socialist and political leader. He is remembered for leading the mid-1970s opposition against Prime Minister Indira Gandhi, for whose overthrow he had called for a "total revolution".

Born: 11 October 1902, Saran

Died: 8 October 1979, Patna

Education: University of California, Berkeley, MORE

Party: Janata Party

Spouse: Prabhavati Devi (m. 1920–1973)

Awards: Bharat Ratna, Ramon Magsaysay Award for Public Service

Jayaprakash Narayan - Jankranti Ke Loknayak

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