प्रस्तुत पुस्तक आम नागरिकों के विचारों का संकलन है जिनकी चर्चा हम जनहित के मुद्दों के रूप में करते हैं। अपने घरों में, चाय के दौरान, खाने की मेज पर, मोहल्ले की नुक्कड़ मीटिंग में, दफ्तरों में चाय और खाने के ब्रेक में, पान की दुकान पर, गाँव की चौपाल पर, पार्टियों और शादियों में, बैठकों में चाय के साथ। आज के दौर में हम सब जानते हैं कि समस्याएँ क्या हैं और इन्ही समस्याओं से निपटने के लिए ज़रूरत है कुछ नया सोचने और करने की जिससे की देश में राजनीति के बजाय लोकनीति का बोलबाला हो। राजधानियों में राजभवन नाम की इमारतें लोकभवन के नाम से जानी जाएँ और शासन की जगह सेवा हो।
--
झारखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र, रांची (झारखण्ड सरकार) में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत युवा हिन्दी लेखक डॉ. नीरज कुमार शर्मा का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांधला नामक कस्बे में हुआ था। नीरज जी ने अपनी स्कूली शिक्षा हिन्दू इंटर कॉलेज, कांधला से पूरी करने के बाद स्नातक की शिक्षा डी.ए.वी. कॉलेज मुज़फ्फरनगर से पूर्ण की। तत्पश्चात वानिकी विषय में परास्नातक की परीक्षा वन अनुसन्धान संस्थान, देहरादून से वर्ष २००० में पूर्ण करने के बाद वहीं से वन पारिस्थितीकी एवं पर्यावरण विषय में डॉक्टर ऑफ़ फिलोसफी (Ph.D) की उपाधि वर्ष २००७ में प्राप्त की। डॉ. शर्मा वर्ष २००६ से झारखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र, रांची में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। इन्हें अपने कार्य के अलावा कविता एवं कहानी लिखना पसंद है।
top of page
SKU: RM2029019
₹169.00 Regular Price
₹136.00Sale Price
bottom of page