जानबूझ कर धुँधले किये गए भारतीय इतिहास के विभिन्न पक्षों पर नूतन प्रकाश डालते हुए यह संकलन आर्य की परिभाषा, गोमांस-भक्षण, बौद्ध- सनातन विभेद, उत्तर रामायण में वर्णित प्रसंगों की प्रासंगिकता जैसे अनेक संवेदनशील बिंदुओं पर तथ्यात्मक, वस्तुपरक के साथ ही एक वैकल्पिक दृष्टिकोण का भी उद्घाटन करता है। यह संकलन बप्पा रावल जैसे अप्रतिहत राजाओं के साथ-साथ देश के विभिन्न स्थलों के नामों पर रोचक और प्रमाणिक विवरण भी प्रस्तुत करता है।
--
चिरंजीव लोचन विद्यार्थी-जीवन से इतिहास एवं भाषा के प्रवीण छात्र और कालांतर में बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर एवं जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में इतिहास विभाग के दक्ष प्राध्यापक रहे हैं। विभिन्न महाविद्यालयों में सैंकड़ों छात्र न केवल इनकी ओजस्वी वाणी से अभिभूत रहे हैं, अपितु इनकी रचनाओं के भी उन्मुक्त प्रशंसक रहे हैं और उन्हें इनकी वाणी की नयी प्रस्तुति की सदैव प्रतीक्षा रहती है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष पद से निवृत्त हो कर संप्रति आप स्वतंत्र लेखन में निरत हैं।
top of page
SKU: RM000107
₹229.00Price
bottom of page