"इश्क़, इबादत और इंतज़ार" यूँ तो तीन अलग-अलग शब्द हैं; जिनके अर्थ भी बहुत अलग-अलग हैं | या यूँ कहूँ कि अर्थ अलग-अलग ही नहीं बल्कि एक दूसरे के विपरीत भी हैं I
मेरे देखे "इश्क़, इबादत और इंतज़ार" तीनों अलग-अलग नहीं, बल्कि एक दूसरे के पर्यायवाची हैं, एक ही एहसास कि तीन अलग-अलग अभिव्यक्तियाँ हैं | "इश्क़, इबादत और इंतज़ार " तीनों में वही संबंध है जो नदी, नदी की गहराई और नदी के किनारों में हैI
"इश्क़", नदी और नदी में बहने वाले पानी कि तरह होता है; शांत, शीतल और मीठा I जिस तरह से नदी और नदी का पानी लोगों की प्यास बुझाने का काम करते हैं उसी तरह "इश्क़" रुह की प्यास बुझाने का काम करता है I
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इस कविता संग्रह के लेखक डॉ. अच्छेलाल पासी (MBBS, MD) जी एक सार्वजनिक आरोग्य विशेषज्ञ (Public Health Specialist) हैं और भारत सरकार के अधीन कार्यरत हैं। “डॉ अच्छेलाल पासी” जी का जन्म, पालन- पोषण एवं शिक्षा-दिक्षा मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ है। आप ने एम. बी. बी. एस. और एम. डी. की शिक्षा सेठ जी. एस. मेडिकल कॉलेज एंड के. ई. एम. हास्पिटल, मुंबई से पूरी की है। आप ने स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ हास्पिटल एवं मानव संसाधन प्रबंधन में भी डिप्लोमा किया है। आप को WHO, UNICEF और ICMR के साथ भी काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आप एक निष्ठावान कर्मचारी एवं मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर एक कुशल व्यवस्थापक होने के साथ-साथ एक कोमल हृदय एवं कवि भी हैं।
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