"हमारा प्रशांत – काव्य-संग्रह", जिसे हम २०२१ में प्रकाशित कर रहें हैं, मेरे अनुसार पैसिफिक यानी प्रशांत की कवियों और कवयित्रीयों द्वारा लिखी गयी अंग्रेजी कविताओं का पहला बड़ा हिंदी अनुवाद है। प्रस्तुत कविताएं प्रशांत के विभिन्न देशों में आम लोगों के दैनिक जीवन, प्रकृति प्रेम, उपनिवेशवाद, राष्ट्रीय जागरण, राजनीतिक घटनाओं, लैंगिकवाद, सांस्कृतिक धरोहर तथा गिरमिटिया और उनके वंशजों के जीवन पर कवियों और कवियत्रियों के नज़रिये की मजबूत पकड़ की एक झलक हमें दिखती हैं। प्रशांत के यह कवि और कवयित्री पर्यटकों के लिये हॉलीवुड द्वारा प्रसिद्ध की गयी प्रशांत की तस्वीर – "सन, सैंड और सेक्स"; – से आगे बढ़ हक़ीक़त को प्रस्तुत कर रहे हैं। पांच भागों – "हमारा प्रशांत", ‘शरद के पेड़’, ‘बिना ब्रश की तस्वीरें’, ‘सूर्य में कोई टापू नहीं’ और ‘एक चिट्ठी फीजी से’ – में विभाजित यह काव्य-संग्रह प्रशांत के विभिन्न देशों में बिखरे हुए कवियों और कवियत्रियों को एक सूत्र में बांधने का काम करते हुए उनकी आवाज़ को हिंदी प्रेमियों तक लाने का एक छोटा सा प्रयास है।
---
डॉ. अमित सारवाल दी यूनिवर्सिटी ऑफ़ दी साउथ पैसिफिक (फीजी) में सीनियर लेक्चरर के पद पर कार्यरत हैं। वान्डरिंगस इन इंडिया (२०१२), बॉलीवुड एंड इट्स अदर्ज़ (२०१४), लेबल्स एंड लोकेशंस (२०१५), सलाम बॉलीवुड (२०१६), साउथ एशियन डायस्पोरा नैरेटिव्ज़ (२०१७), व्याकुल राष्ट्र (२०१७) और दी डांसिंग गॉड (२०२०) इनकी कुछ चुनी हुई पुस्तकों में से हैं।
top of page
SKU: RM45895
₹229.00 Regular Price
₹209.00Sale Price
bottom of page