डॉ. ना. मोगसाले (जन्म: 1944) कन्नड़ के प्रमुख कवि, उपन्यासकार, स्तंभकार, कर्नाटक के उडुपी जिला में ' कांतावरा' नामक एक पिछड़ा हुआ गांव है, यहां पर कांतावर कन्नड़ संघ की स्थापना (1976 में)। 1978 में वर्धमान पुरस्कार पीठ की स्थापना। इस पीठ की ओर से पिछले 34 वर्षों से पुरस्कार दिया जा रहा है। हाल में' अल्लम प्रभु पीठ कांतावर' नामक सांस्कृतिक और संशोधन संस्था की स्थापना में कार्यरत। कई साहित्य सम्मेलनों में अध्यक्ष पद का निर्वहन। इनका एक उपन्यास मंगलोर विश्वविद्यालय में पाठ्यपुस्तक के रूप में रखा गया था। इनका उपन्यास' उल्लंघन' का तुलु, मराठी और अंग्रेजी में अनुवाद हो रहा है। इनकी कई कविताओं के अनुवाद कन्नड़ और तुलु में हुए हैं। संप्राप्ति: 'उल्लंघन' उपन्यास को कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार, 'चदुरंग पुरस्कार'। चङ्गा पुरस्कार, सिद्धवनहल्ली कृष्ण शर्मा पुरस्कार और कुवेम्पु पुरस्कार। 'इदल्ला इदल्ला' कविता संग्रह को कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार। 'प्रभव' कविता संग्रह को बी हेच श्री और कड़ेंगोडलू काव्य पुरस्कार उग्राण, दिनकर देसाई, पेर्ला और डी. एस. कर्की काव्य पुरस्कार।
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Narayana Bhat Mogasale, known by the pen name as Dr. Na. Mogasale (ಡಾ. ನಾ. ಮೊಗಸಾಲೆ ) is an Indian author and writer of modern Kannada language. He has written 47 books including Poetry collections, Novels, Short stories collections, Autobiography, Medical literature and article collections. He is recipient of Rajyotsava award from Govt of Karnataka. He is also known for his activities related to Kantavara Kannada Sangha, Vardhamana Prashasti Peeta in his village “Kantavara”.
Awards and Recognitions:
“Karnataka Sahitya Academy” best book awards twice for his novels: Nannadalladdu (1977) & Ullanghane (2008)[5], Kadengodlu Kavya Prashasti (1989) for “Prabhava” poetry collection, B.H. Sridhara Kavya Prashasti (1991) for “Prabhava” poetry collection, Ugrana Sahitya Prashasti (1994) for “Swantakke Swantavatara” poetry collection, Perla Kavya Prashasti (1998) for “Nelada Neralu” Poetry collection, Dinakara Desai Kavya Prashasti (2000) for Nelada Neralu, Shivarama Karanta Prashasti (2002), Dr. P.S.Shankar award for best medical literature for “Aarogya Anarogyada naduve” (2002), Havanoor Prashasti (2003) for novel “Artha”, Vishukumar Prashasti (2003) for novel “Pantha”,Karnataka Sahitya Academy award for best poetry collection “Idalla Idalla” (2004),Rajyotsava Award (2004) for contribution to literature by Karnataka Government[1],D.S.Karki Kavya Prashasti (2007) for poetry collection “Ihaparada Kola”, Kuvempu Kadambari Prashasti (2008) for novel “Ullanghane”,Soorya Narayana Chadaga Prashasti (2008) for novel “Ullanghane” , Chaduranga Pratistana Award (2008) for novel “Ullanghane”,Siddavana halli Krishna Sharma Prashasti (2011) for short story collection “Seetapuradalli Gandhiji”, Niranjana Sahitya Prashasti (2015),Shivaratreeshwara Prashasti (2016) for “Arivinondige Anusandhana”, Masti Prashasti (2015) for life time achievement, Galaganatha Prashasti (2016) for life time achievement, M.V. Seetaramayya Prashasti (2019) for life time achievement
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अनुवादक का परिचय
एन. श्रीनाथ डी. (जन्म: 1950) शिक्षा: एम.ए. (हिंदी) संप्रति : हाईस्कूल में प्रधान अध्यापक- अब सेवानिवृत्त कार्यक्षेत्र : कन्नड़ - हिंदी के प्रमुख अनुवादक। अब तक साठ अनुदित पुस्तकें प्रकाशित जिनमें उपन्यास और कहानी-संग्रह प्रमुख हैं। कन्नड़ की सभी प्रमुक पत्रिकाओं में कई अनुदित रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। अन्य भारतीय भाषाओं के उपन्यास और कहानियां हिंदी के माध्यम से कन्नड़ में अनुदित और प्रकाशित कन्नड़ की रचनाओं के अनुवाद हिंदी की प्रतिष्ठित पत्र में पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अनुवाद को भी सृजनशीलता प्रदान करने वालों में डी.एन. श्रीनाथ का योगदान बड़ा महत्वपूर्ण है।
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