पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी, शिलॉन्ग (Purvottar Hindi Academy, Shilling) से महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान विजेता, गुवाहाटी (असम) से ताल्लुक़ रखने वाली युवा हिन्दी लेखिका जीना शर्मा ख़ुद से चल नहीं सकतीं, उन्हें चलने के लिए दूसरों की मदद की ज़रुरत होती है। लेकिन दिव्यांग होने के बाद भी इन्होंने अपनी क़लम से हौसले का परिचय दिया है। इनकी पहली पुस्तक ‘सुनहरे सपने’ वर्ष २००७ में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक के लिए इन्हें पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी, शिलॉन्ग से महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान मिल चुका है। इनकी दूसरी पुस्तक ‘पहचान’ २०१६ में प्रकाशित हुई थी। वर्ष 2019 में इनकी लिखी पुस्तक 'ज़िन्दगी से करें प्यार' प्रकाशित हुई थी। जीना शर्मा इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से हिन्दी भाषा में स्नातक की उपाधि हासिल कर चुकी हैं। साथ ही जनसंचार (मासकम्युनिकेशन) में एम.ए (M.A) की शिक्षा भी हासिल कर चुकी हैं और सर्जनात्मक लेखन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है।
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