हम सब की जिंदगी एक कहानी है। जहाँ हर एक गुजरता साल एक चैप्टर है तो उसमें सिमटी सारी यादें हर एक पन्ने पर खूबसूरती से उकेरे गए शब्द। इस कहानी में रोमांच है, ससपेंस है, दर्द है और मोहब्बत की थोड़ी खुशबू है। जैंसे-जैंसे हमारी जिंदगी एक चैप्टर पलटता है ये कहानी खूबसूरत और दिलचस्प लगने लगती है। जब हम स्कूल के दिनों में थे तो एग्जाम में मिलने वाली काँपी में लिखा होता था पृ०प मतलब पृष्ठ पलटिए। बस जिंदगी के हर बुरे हिस्से को जीने के बाद किताब बंद नहीं करनी चाहिए। बस पन्ना पलट देना चाहिए। ये कहानी पढ़ते वक्त शायद आपको लगे कि ये कहानी कितनी साधारण थी इसमें और किसी का जिक्र क्यों नहीं है क्यों इसके हिस्सों को साधारण रखा गया। मगर सच कहूँ तो ये किताब रुपरेखा है। तीन जिंदगीयों की रुप रेखा। और इस साधारण लेखक ने बस उसी रुपरेखा का जिक्र किया है।
" दो पल के हम सफर" एक ऐंसी कहानी का हिस्सा है। जिसमें मेडिकल काँलेज में पढ़ने वाली लड़की प्रियंका और आदित्य की मुलाकात, बात और मोहब्बत के खूबसूरत पल हैं। फिर अचानक प्रियंका गायब हो जाती है। काँलेज लाइफ से जब दोनों कदम जिंदगी की रेल में रखते हैं तो प्रियंका के खो जाने से जिंदगी एक नया मोड़ पकड़ती है और फिर आदित्य की मुलाकात रिया से होती है। रिया किस्मत जैंसा कुछ नहीं मानती उसे जिंदगी में हर एक से मिलना एक संभावना लगती है। दोनों में बहुत जल्द एक दूसरे के सारे अनकहे हिस्सों को अपनाकर दोस्ती कर लेते हैं। मगर किस्मत को ना मानने वाली रिया के हाथों की लकीरों में आदित्य का नाम लिखा होता है। दोनों की शादी तय हो जाती है। मगर अब भी कुछ राज हैं जो अनकहे हैं और उन्हीं अनकहे हिस्सों से ही उनकी जिंदगी की कहानी एक फिल्मी कहानी लगने लगती है।
पर ये कहानी फिल्मी नहीं होती, बस वक्त फिल्मी होता है और हमारे किस्मत लिखने वाला वो लेखक फिल्मी होता है। जो कहीं ना कहीं हम सब की कहानी लिख चुका है।--
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय (HNB Garhwal University) से पत्रकारिता एंव जनसंचार में परास्नातक अध्ययनरत, युवा हिन्दी लेखक दीपक बिष्ट ने गणित विषय से स्नातक किया है। गणित से स्नातक करने के बाद इन्हें लगा कि इस विषय के साथ आगे न्याय नहीं कर सकेंगे। फिर लिखने में ख़ुद को अच्छा पा कर पत्रकारिता से जुड़ गए। इनका हमेशा से एक सपना था। सपना मन में काफ़ी समय से हलचल कर रही कहानी लिखने का था, लेकिन शुरुआत कहाँ से करें ये समझ न आ रहा था। एकदिन इस कहानी को लिखने की ठान लिखना शुरू किया तो पूरी किताब लिखने के बाद ही रुके। यही कहानी एक पुस्तक के रूप में जल्द आपके सामने आने वाली है।
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