“दिल के अल्फ़ाज़”, ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं का एक संग्रह है। विभिन्न परिस्थितियों में हर एक के दिल में कभी करुणा, कभी वेदना कभी वीर और कभी श्रृंगार रस का सृजन होता। कोई उसे महसूस करके, कोई कह करके और शायर/कवि उसे अपनी लेखनी के द्वारा ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं में श्रजित करके उसे अपने प्रशंसकों तक पहुँचाते हैं।
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विनय कुमार जी का जन्म इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में १९५७ में एक हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ । उनकी सम्पूर्ण शिक्षा इलाहाबाद में ही हुई । उन्होंने एम एन आई टी इलाहाबाद से १९७९ में मेकेनिकल इंजीनियरिंग करने के पश्चात सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट, पुणे से पी जी डीबी एम की डिग्री प्राप्त की। एन टी पी सी, क्रुप इंडिया, एल ऐंड टी, एनरगो जैसी विश्व विख्यात संस्थाओं में कार्य कर ने के पश्चात २०१७ में सी ई ओ के पद से वो सेवानिवृत्त हुए । आजकल वो एक सलाहकार के रूप में कार्य रत हैं और हारग्रीव माइनिंग इंडिया, यूके में निदेशक के पद पर गुड़गाँव में काम कर रहे हैं । विनय कुमार जी का झुकाव हिन्दी और उर्दू साहित्य के प्रति शुरू से ही रहा है। उनके पिता स्व. श्री बिश्वम्भर नाथ श्रीवास्तव उर्दू में शायरी लिखते थे जो उनके पहले प्रेरणास्त्रोत बने। मुशायरा, कवि सम्मेलन, शास्त्रीय संगीत की गोष्ठीयों में जाने का शौक़ बचपन से ही रहा है। उनकी ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं का यह पहला संकलन है ।
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