डाडिन कोवा, अफ्रीका महाद्धीप के नाइजीरिया देश में स्थित उस वक्त एक बड़ा सा गाँव जो एक कस्बे की शक्ल ले रहा था, वह मेरे हृदय में भी बसता है। यह वह जगह है जो मेरी अन्तरआत्मा में ही निहित है। आज भी जब किसी फिल्म में अफ्रीकन लोगों या किसी नीग्रो को देखती हूँ तो अजीब सा खिंचाव महसूस होता है। जितना भारत मुझे अपना लगता है उतना ही डाडिन कोवा भी अपना लगता है।
---
डॉ. निशा गुप्ता नेत्र चिकित्सक हैं और इन्दौर में रहती हैं। डॉ. निशा गुप्ता चिकित्सा क्षेत्र के साथ-साथ लेखन कार्य में भी अत्यधिक रूचि रखती हैं। उनकी पुस्तक ‘‘अ साइलेन्ट वेपन’’ कुछ समय पहले ही प्रकाशित हुई है जो कि एक मेडिकल फिक्शन है। वे नियमित रूप से आर्टिकल्स, कहानियाँ और कविताएँ वर्ड प्रेस डाटकॉम पर अपनी वेबसाइट निशागुप्ताकॉमडॉट वर्डप्रेसडॉटकॉम और फेसबुक पर अपने पेज निशामा पर प्रकाशित करती रहती हैं। वह मॅाम्सप्रेस्सो और कई साप्ताहिक अखबारों से भी जुड़ी हुई हैं। उनके बाल्यकाल की एक बड़ी अवधि अफ्रीका महाद्वीप के नाइजीरिया देश में बीती है। वहाँ उनमें ज़िन्दगी को, घटनाओं को और लोगों को एक वृहद और खुले दृष्टिकोण से देखने व समझने की कला विकसित हुई। उनकी रचनाओं में इसकी छाप साफ झलकती है। उन्हें प्रकृति और बच्चों से बेहद लगाव है।
top of page
₹199.00Price
bottom of page