कोरोनावायरस एक ऐसा वायरस है जिसका स्वरुप समझना सारे विश्व के वैज्ञानिकों के लिए जटिल हो गया है। दिन-ब-दिन इसको लेकर नए तथ्य सामने आते जा रहे हैं। इसके सामाजिक और राजनैतिक पहलुओं के साथ साथ इसके वैज्ञानिक पक्षों को भी समझना आवश्यक है। इस पुस्तक में इन्हीं पहलुओं के माध्यम से इस वायरस को समझने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है, जो कोरोनावायरस से सम्बंधित अनेकानेक दृष्टिकोणों की विविध जानकारी एक ही जगह पर एकत्रित चाहते हैं। इस पुस्तक में, न केवल अन्य वायरसों के परिपेक्ष्य में रखकर इसको देखा गया है, बल्कि उससे होने वाले सामाजिक (दुष्)प्रभावों का भी वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण किया गया है। चिकित्सीय जानकारी के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और संभ्रान्तियों पर भी इस पुस्तक में चर्चा की गई है।
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वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं हिन्दी लेखक डॉ. भारत खुशालानी (Ph.D) का जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। इन्होंने कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, अमेरिका (California University, America) से वर्ष 2004 में डॉक्टरेट (Ph.D) कि डिग्री प्राप्त की है। फ़िलहाल डॉ. भारत सहालकार (कंसल्टेंट) के तौर पर कार्य करते हैं। इनकी प्रकाशित महत्वपूर्ण कृतियों में 52 शोधकार्य और रिपोर्ट शामिल हैं जो अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में अनेकों लेख, कविताएँ एवं कहानियाँ हो चुकी हैं। इनके द्वारा लिखी प्रकाशित 8 किताबें: भारत में प्रकाशित : 1). कोरोनावायरस 2). कोरोनावायरस को जो हिन्दुस्तान लेकर आया 3). परीक्षण ; अमेरिका में प्रकाशित : 4). समतल बवंडर 5). उपग्रह 6). भवरों के चित्र 7). लॉस एंजेलेस जलवायु ; कैनेडा में प्रकाशित : 8). सौर्य मंडल के पत्थर हैं।
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