अपने दो नंबर के व्यापार (ग़ैरक़ानूनी व्यापार) में लिप्त मुरलीराजन को पता ही नहीं लगा कि अपनी विदेश यात्रा से एक ऐसी वस्तु वो अपने साथ लेकर आ रहा है जो केवल उसके मित्रों और उसके शहर के लिए ही नहीं, अपितु पूरे हिन्दुस्तान के लिए पारसमणि का अभिशाप बन जायेगी। मुरलीराजन की तलाश, शहर के बड़े अधिकारियों के लिए एक पेचीदा मामला बन जाती है। इससे पहले कि मुरलीराजन कोरोनावायरस का संक्रमण फैलाता जाए, क्या ये अधिकारी उसको रोक पाने में कामयाब हो सकेंगे? पढ़ें बेहद रोमांचक हिन्दी उपन्यास "कोरोनावायरस को जो हिन्दुस्तान लेकर आया" जो आपको इस सब के बारे में बताएगा।
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वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं हिन्दी लेखक डॉ. भारत खुशालानी (Ph.D) का जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। इन्होंने कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, अमेरिका (California University, America) से वर्ष 2004 में डॉक्टरेट (Ph.D) कि डिग्री प्राप्त की है। फ़िलहाल डॉ. भारत सहालकार (कंसल्टेंट) के तौर पर कार्य करते हैं। इनकी प्रकाशित महत्वपूर्ण कृतियों में 52 शोधकार्य और रिपोर्ट शामिल हैं जो अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में अनेकों लेख, कविताएँ एवं कहानियाँ हो चुकी हैं। इनके द्वारा लिखी प्रकाशित 8 किताबें: भारत में प्रकाशित : 1). कोरोनावायरस 2). कोरोनावायरस को जो हिन्दुस्तान लेकर आया 3). परीक्षण ; अमेरिका में प्रकाशित : 4). समतल बवंडर 5). उपग्रह 6). भवरों के चित्र 7). लॉस एंजेलेस जलवायु ; कैनेडा में प्रकाशित : 8). सौर्य मंडल के पत्थर हैं।
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