ये कविता संग्रह एक यात्रा है जिसमें कवि, भाव और ज़िन्दगी साथ-साथ चलते हैं। प्यार, प्रकृति, राजनीति,व्यंग्य,अध्यात्म जैसे भावों को असर होने तक कलम की स्याही में जमने दिया गया है और फिर जब पिघलने का वक़्त आया तो असर होने तक पिघलने भी दिया है। इस उम्मीद के साथ कि ये असर कायम रहेगा क़यामत के बाद भी।
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पटना जिले के सीढ़ीपर गाँव से आनेवाले युवा लेखक राय वृष भानु वर्तमान में आयकर विभाग, पुणे में ‘कर सहायक’ के पद पर कार्यरत हैं। नेतरहाट आवासीय विद्यालय, नेतरहाट में 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। डी.पी.एस बोकारो में 12वीं तक शिक्षा ग्रहण की। बी.आई.टी. मेसरा से ‘सूचना प्रौद्योगिकी’ शाखा से बी.टेक की डिग्री हासिल की। विद्यालय की हिंदी वार्षिक पत्रिका ‘सर्जना’ की संपादक मंडली का सदस्य। कॉलेज की नुक्कड़ नाटक टीम का लेखक एवं पटकथा प्रमुख (राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत) इंस्टाग्राम पेज @haseenkhwab (लगभग 30 हजार सदस्य) के संपादन, प्रेषण एवं विगत चार वर्षाे से लेखन का कार्य। अमेजन पर ई-बुक प्रारूप में नज़्म संकलन ‘हसीन ख़्वाब’ प्रकाशित। देश-विदेश, राजनीति और समसामयिक मुद्दों पर लेख, व्यंग्य आदि फेसबुक(ray brish bhanu) पर प्रेषित।
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