अल्फ़ाज़, अभिव्यक्ति का एक जरिया है। हमारे मन के भावों एवं मस्तिष्क में चल रहे विचारों का जो समावेश हम दुनिया के सामने प्रस्तुत करते हैं उसका जरिया अल्फ़ाज़ हैं। अपने इस काव्य संग्रह में, मैंने भी अपने भावों और विचारों को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश की है। अलग-अलग विषयों पर लिखी यह कविताएँ सामाजिक मुद्दों, स्त्रियों की व्यथा, जीवन सफ़र, अंतर मानस के द्वन्द, मनुष्य के भावों तथा आसपास से लिए अनुभवों पर आधारित हैं। यह कविताएँ एक सकारात्मक दृष्टिकोण दर्शाती है पर कहीं-कहीं समाज से सवाल भी करती है।
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ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज, प्रयागराज (Ishwar Sharan Degree College Prayagraj) में सहायक प्राध्यापक (अंग्रेज़ी) के तौर पर कार्यरत डॉ. रश्मि जैन(D.Phil) ने अंग्रेजी साहित्य में, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डी.फिल् (D.Phil) की शिक्षा हासिल की है। फ़िलहाल अध्यापन कार्य कर रही हैं। इन्हें परास्नातक (अंग्रेजी) में प्रथम स्थान के लिए स्वर्ण पदक से पुरस्कृत किया गया था। 2019 में इन्हें फीवर ऍफ़.एम द्वारा 'फीवर शक्ति अवार्ड' (लेखक) से भी नवाज़ा जा चुका है। 5वें रविन्द्रनाथ टैगोर अवार्ड (2016) ने इन्हें इनकी कविता ‘कर्स ऑफ़ मेडुसा’ के लिए हाईली रिकमेन्डेड पोयट्स की श्रेणी में रखा था। इनकी लिखी हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा की कविताएँ, कहानियाँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं साझा संकलनों में प्रकाशित हुई हैं। इनका अंग्रेज़ी काव्य संग्रह केलाइडोस्कोपिक विज़न (2015) में एवं हिंदी काव्य संग्रह सफ़र (2017) में ऑथर्स प्रेस द्वारा प्रकाशित हुआ। इसके अलावा अंग्रेजी के नाटककार महेश दत्तानि के दो नाटकों पर इनकी दो किताबें प्रकाशित हुई हैं। सन्मति पब्लिकेशन(आगमन लिटरेरी एंड कल्चरल ग्रुप) द्वारा वर्ष 2016 में सन्मति यंग टेलंट लिटरेरी अवार्ड से भी इन्हें नवाजा गया था। वर्ष 2018 में भारत अवार्ड फॉर लिटरेचर (पोएसिस ऑनलाइन) ने इन्हे हाईली रिकमेन्डेड राइटर की श्रेणी में रखा था।
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