‘दास्तान-ए-दिल’, ग़ज़लों और नज्मों का एक संग्रह है। विभिन्न परिस्थितियों में हर एक के दिल में कभी करुणा, कभी वेदना, कभी वीर और कभी श्रृंगार रस का सृजन होता है। कोई उसे महसूस कर के, कोई कह कर के और शायर/कवि उसे अपनी लेखनी के माध्यम से ग़ज़लों और नज्मों के रूप में अपने प्रशंसकों तक पहुँचाने का प्रयास करतेहैं। यह मेरी पाँचवीं पुस्तक है। पिछली चार पुस्तकें आप सब ने बहुत पसन्द की जिसके लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार। आशा है कि ये पुस्तक भी आप सभी को पसन्द आएगी।
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विनय कुमार जी मूलतः इलाहाबाद के रहने वाले हैं और आजकल गुड़गाँव में रहते हैं। एम एन आई टी इलाहाबाद से १९७९ में मेकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद ४३ साल तक विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कम्पनियों, एन टी पी सी, क्रुप इंडिया, एल एण्ड टी एवं एनरगो में कार्यरत रहे। विनय जी की एक पुस्तक जिसका शीर्षक- “दिल की आवाज़” है, जुलाई २०२१ में, दूसरी पुस्तक जिसका शीर्षक- “दिल के अल्फ़ाज़” है दिसंबर २०२१ में, तीसरी पुस्तक जिसका शीर्षक- “सुकून-ए-दिल” है अगस्त २०२२ में और चौथी पुस्तक “हाल-ए-दिल” नवंबर २०२२ में प्रकाशित हुई है जो उनकी नज़्मों और ग़ज़लों के संग्रह हैं। उन्होंने विश्व के सभी प्रमुख देशों का भ्रमण किया है। विनय जी विभिन्न मंचों पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर चुके हैं और वो काव्य साधना मंच के संस्थापक, काव्य कार्नर फ़ाउंडेशन हरियाणा के अध्यक्ष एवं काव्य कला मंच के उपाध्यक्ष भी हैं।
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