अमिता केडिया की कविताओं में रंगबिरंगी कमीज़ें कानाफूसी करती हैं, कच्ची दीवारें कुरेदी जाती हैं, रिश्तों को सहलाया जाता है और ख़ामोशियों से बातें की जाती हैं। इतनी मृदु संवेदनाओं की ये गठरी पाठकों को मुबारक़ हो और अमिता को भी बहुत-बहुत बधाई। यही चाहूँगा कि ख़ूब लिखे और ख़ूब दिल से लिखे। अगली किताब का इंतज़ार रहेगा।
- मयूर पुरी (सुप्रसिद्ध फ़िल्म लेखक व गीतकार)
अमिता केडिया जी का काव्य संग्रह 'लहरें... एक कशिश' उनकी मजबूत लेखन क्षमता को दर्शाता है। सुंदर भाषा और प्रभावशाली अभिव्यक्ति के लिए मैं उन्हें शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।
-दिलिप शुक्ला (सुप्रसिद्ध फ़िल्म लेखक और निदेशक)
Lehrein... Ek kashish
₹179.00Price